तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! एक दिन कोई तकलीफ़ों से जुड़ा है नाता इनका वर्षों से दुःख की रातें गुजारते हैं ये, काश! ...
मानव ने सीमा रेखा खिची धर्म के बंटवारे में सिंची मानव ने सीमा रेखा खिची धर्म के बंटवारे में सिंची
जब इंसान ही करते सिर्फ़ अपने मन की। जब इंसान ही करते सिर्फ़ अपने मन की।
इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस। इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस।
हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं। हां दर्द दिल में उठता है..कैसे कह देते हो तुम फिर भी मैं पराई हूं।
मानवता क्यों आज थमी है, नयनों में भी भरी नमीं है। मानवता क्यों आज थमी है, नयनों में भी भरी नमीं है।